इसरो ने आदित्य L1 मिशन के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया है, जिसे भारत के उद्देश्यपूर्ण सौर मिशन, आदित्य L1, के साथ किया गया है।
आदित्य L1 ने आज पहली बार अपनी कक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। इसका मतलब है कि यह अब पूरी तरह से सफलतापूर्वक 245x22459 किलोमीटर की कक्षा में पहुँच चुका है,
जो कि पहले से 235x19500 किलोमीटर की कक्षा थी। इसे आपको सूर्य की ओर पहली कदम की ओर जाते हुए भी देखा जा सकता है। आदित्य L1 अब 16 दिनों के दौरान पांच बार अपनी कक्षा में परिवर्तन करेगा, और इसके बाद यह एल 1 पॉइंट की ओर अगला कदम बढ़ाएगा।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2 सितंबर को इसरो ने इसे लॉन्च किया था, और इसके 63 मिनट 19 सेकंड के बाद ही आदित्य L1 ने पृथ्वी की कक्षा में स्थिति प्राप्त की थी। अब, इसके थ्रस्टर्स का उपयोग करके इसकी कक्षा में परिवर्तन किया गया है, और इसका पूरा नियंत्रण धरती से किया जा रहा है।
धीरे-धीरे, आदित्य L1 अपनी कक्षाओं में चार बार और परिवर्तन करेगा। अगली फायरिंग 5 सितंबर को होगी, और अंत में 16 दिनों में यह सूर्य की ओर प्रस्थान करेगा।
आदित्य L1 चार महीनों में 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा और फिर लैंगरेंज पॉइंट-1 तक पहुँच जाएगा, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण संतुलन बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
इस बिंदु पर किसी वस्तु को स्थिर करने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती, और यहाँ से सूर्य ग्रहण का भी कोई असर नहीं होता।
इस तरह, हमारा आदित्य L1 नियमित रूप से सूर्य की ओर नजर रख सकेगा और उसके अंदर की ओर देख सकेगा। आदित्य L1 को फायरिंग के माध्यम से एल-1 पर हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा।
इसरो के अनुसार, आदित्य L1 6 जनवरी तक एल 1 पॉइंट पर पहुँच जाएगा। आदित्य L1 के साथ सात पेलोड भेजे गए हैं